Rajasthan Assembly : राजस्थान में बोरवेल खोदने से पहले जरुर पढ़े यह खबर, लापरवाही देगी! 6 महीने की जेल या 50 हजार से 1 लाख का जुर्माना
अब ट्यूबेल से पानी निकालना नहीं होगा आसान राजस्थान में। विधानसभा ने बुधवार को पास कर दिया है भूजल (संरक्षण एवं प्रबंधन) का अधिकरण विधेयक। इसके अंतर्गत अनुमति अनिवार्य होगी ट्यूबवेल या बोरवेल खोदने से पहले और देना होगा पानी निकालने पर शुल्क। इस नियम के चलते अब मीटर लगाया जाएगा औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्यूबवेल पर। अब इसके चलते जितना पानी निकलेगा उतना तय होगा टैरिफ और उसी हिसाब से करना होगा भुगतान।
50 हजार से 1 लाख तक का जुर्माना
विधानसभा में पारित बिल के तहत राज्य स्तर पर भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण बनाया जाएगा. यह प्राधिकरण ट्यूबवेल ड्रिलिंग लाइसेंस से लेकर बोरिंग रिग पंजीकरण तक पूरी प्रक्रिया संभालेगा. डार्क जोन घोषित इलाकों में भूजल दोहन और सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा. बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने या भूजल निकालने पर पहली बार 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा. दोबारा उल्लंघन करने वालों को 6 महीने तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है.
Rajasthan News : निगरानी ‘डार्क जोन’ पर
भूजल प्राधिकरण अनुमति देने के साथ, भूजल स्तर और ‘डार्क जोन’ की स्थिति पर रखेगा लगातार निगरानी भी। अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार करके यह हर साल पेश करेगा विधानसभा में अपनी रिपोर्ट। सरकार बिल के अनुसार कुछ विशेष क्षेत्रों या सेक्टर को दे सकती है शुल्क और अनुमति में छूट। जल संरक्षण और इंजीनियरिंग के जानकार शामिल होंगे प्राधिकरण में। इसके सदस्य होंगे दो विधायक और कम से कम 20 साल का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ भी। भूजल संरक्षण और प्रबंधन समिति घटित की जाएगी जिला स्तर पर भी। स्थानीय स्तर पर यह समितियां योजनाएं बनाकर उन्हें करवाएंगी अमल।
Rajasthan News : लगातार नीचे गिरता भूजल स्तर
लगातार नीचे गिर रहा है राजस्थान में भूजल स्तर। लोगों को गर्मियों में बहुत दूर से पानी ढोना पड़ता है बारां, भीलवाड़ा, नागौर, झुंझुनू और बाड़मेर जैसे जिलों में। कुए और ट्यूबवेल सुख जाने की समस्या हर मौसम में झेलते हैं अपने किसान। यह संभावना बताई जा रही है कि नए कानून के चलते अब रोका जा सकेगा भूगोल का अनियंत्रित दोहन और मददगार होगा यह आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाने में
Rajasthan News : 219 ब्लॉक हो गए घोषित ‘ओवर एक्सप्लोइटेड’
आपको बताते चेले की लगातार गंभीर समस्या बनता जा रहा है राजस्थान में भूजल दोहन का विषय। ‘ओवर एक्सप्लोइटेड’ घोषित हो चुके हैं राज्य के 302 ब्लॉक में से 219 ब्लॉक। इसका मतलब यह बनता है कि इन क्षेत्रों मै से जितना पानी निकाला जाता है उतना पानी नहीं जा रहा जमीन में वापस। कृषि में उपयोग हो रहा है राजस्थान का करीब 83% भूजल। हर साल औसतन 10 मीटर नीचे गिर रहा है कई इलाकों में पानी का स्तर। राज्य के अलग-अलग इलाकों में 2022 के पोस्ट-मॉनसून सर्वे के अनुसार भूजल स्तर जमीन से नीचे 0.15 मीटर से लेकर नीचे 190.40 मीटर तक किया गया है दर्ज।
संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल जी बताते हैं कि इस बिल कि सहायता से अंकुश लगेगा अनियंत्रित भूजल दोहन पर और निगरानी रखना आसान होगा डार्क-जोन घोषित इलाकों पर। स्थानीय स्तर पर संरक्षण योजनाएं बनाएंगी अब जिला स्तर पर बनने वाली समितियां।







